Raanjhana Climax Scene (पर साला अब उठे कौन? कौन फिरसे मेहनत करे दिल लगाने को.. दिल तुडवाने को..)
A scene that gives me goosebumps every single time I watch it
Date: Dec 9, 2018
Dhanush is currently one of the most popular stars in Tamil Cinema. He's an extraordinary actor who has proved his mettle time and time again. Raanjhana isn't his best film in my opinion. But he made his Bollywod debut with it and won the hearts of millions of viewers across India. A man who was constantly ridiculed for his looks and skin tone turned into an "overnight" sensation. I must say, the awards and adulations were well deserved. Raanjhana is an interesting movie with an amazing soundtrack (composed by the one and only A.R. Rahman). Definitely worth a watch if you haven't seen it yet!
I learned Hindi as a third language. I can understand a significant portion of conversations, but could barely speak the language. If someone like me could appreciate the depth and heartfelt sincerity in this scene, all credits go to the writer Himanshu Sharma and the entire film crew.
बस इतनी हि कहानी थी मेरी..
एक लडकी थी जो बगल मे बैठी थी, एक कुछ डॉक्टर जो अभी भी इस उम्मीद मे थे कि शायद ये मुर्दा फिर जाग पडे..
एक दोस्त था, जो पागल था.. एक और लडकी थी जिसने अपना सब कुछ हार दिया था मुझपे..
मेरी मा थी, बाप था, बनारस कि गलिया थी, और ये एक हमारा शरीर था जो हमे छोड चुका था.
ये मेरा सीना जिसमे अभीभी आग बाकी थी..
हम उठ सकते थे, पर किसके लिये?
म चीख सकते थे, पर किसके लिये?
मेरा प्यार झोया, बनारस कि गलिया, बिंदिया, मुरारी, सब मुझसे छूट रहा था.
मेरे सीने कि आग या तो मुझे जिंदा कर सकती थी या मुझे मार सकती थी.
पर साला अब उठे कौन? कौन फिरसे मेहनत करे दिल लगाने को.. दिल तुडवाने को..
अबे कोई तो आवाज दे के रोक लो!
ये जो लडकी मुर्दा सी आखे लिये बैठी ही बगल मे, आज भी हा बोल दे तो महादेव कि कसम वापस आ जाए!
पर नही, अब साला मूड नही.
आखे मुंद लेने मे हि सुख है, सो जाने मे हि भलाई है.
पर उठेंगे किसी दिन..
उसी गंगा किनारे डमरू बाजाने को..
उन्ही बनारस के गलियो मे दौड जाने को, किसी झोया के इश्क मे फिर से पड जाने को..!